Page 7 - Oct-Dec 2013
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                             रामफ्ल
                     रामिि  एक  चमतकारी  वृषि  है।  वैज्ातनक                        अदभभुत घकृतक भु मारली
                      अनुसंधान  के   अनुसार    यह  एक  बह ु त  ही
                       उपयोगी  जड़ी  बूिी  है  और  इसका  प्रयोग                       घृतक ु मारी ककतनी नयारी
                       लसि्म  भारत में ही नहीं दुतनया भर में क ैं सर                  जहाँ देखूँ भरी हर ्यारी
                       रोधगयों के  लिए ककया जा रहा है। इसके                              रसभरे पत्ते गूदेदार
                       िि सेे तनकािा गया रस क ैं सर के  इिाज
                     के  लिए ववशेष रूप से िाभप्रद है।                              औषधीय गुणों की इसमें भरमार
                श्ीयंशमान, कक्ा आठ, डी.ए.िी. पब््लक सक ू ्ल, भभुिनेशिर        अरत्रिका पा्ल, कक्ा सात, द हैररटेज सक ू ्ल, को्लकाता





                               बे्ल
          आयुववेद का ववकास करने वािे ऋवषयों को जजस वृषि का सबसे
        गहरा ज्ान ्ा वह बेि वृषि ्ा। आयुववेद ववज्ान में बेि को इसके
                       औषधीय गुणों के  लिए पहचाना जाता है।
                       के . हररथ रेडडी, कक्ा आठ, आददतय त्बड़्ला पब््लक सक ू ्ल,
                                  ताडड़परि, आंध्र प्देश
                        बेि वृषि के  िि, पवत्तयां और जड़ें अततसार
                       की औषधध के  रूप में काम आती हैं और पेि,                      कचनार
                           जजगर और हदि को शज्त देते हैं।
                                                                    कचनार कई औषधीय गुणों वािा एक खूबसूरत पेड़ है।
                        सानया पाहिा, कक्ा दस, महाराजा सिाई मान मसंह
                                                                   इसकी छाि में र्तस्ावरोधी गुण होते हैं और इसका प्रयोग
                           विदया्लय, जयपभुर
                                                                  र्त को शुदध करने ककया जाता है। कचनार अस्मा, तवचा
                                                                   रोग, दसत, गिे में खराश और अ्सर के  उपचार के  लिए
                                                                    प्रयोग ककया जाता है। इस पेड़ की कलियों और जड़ों से
                                                                    पाचन संबंधी समसयाओं का उपचार ककया जा सकता है।
                                                                    अिंततका ततिारली, कक्ा नौ, नेिी धचलड्रन सक ू ्ल, चा्णकयपभुरली, नई ददल्लली
                               देशी नीम
          नीम के  पेड़ को ‘पववत् वृषि’ के  रूप में जाना जाता है, इसे सव्मरोगहारी,
           ‘प्राक ृ ततक औषधािय’ ‘ग्रामीण औषधािय’, और ‘सभी रोगों के  लिए
                          रामबाण’ भी कहा जाता है।
                      देववप्रया वमा्म, कषिा छः, डी.ए.वी. सीतनयर सैक ें डरी. पजबिक सक ू ि,
                                     नारायणगढ़, अंबािा
                          लसदध धचककतसा में डेंगू बुखार के  इिाज के  लिए
                           दो सबसे प्रभावी दवाएं पपीते और नीम के  पेड़
                                        का रस है।
                                                                                      आंि्ला
                            िी.एस. वप्या, कक्ा नौ, अरु्णाच्लम हायर सेक ें डरली सक ू ्ल,
                                                                     आंविे के  संबंध में एक रोचक कहानी है। कहा जाता है
                                      धथरुित्तर, कनयाक भु मारली
                                                                      कक चयवन नामक ऋवष ने आँविे का सूप वपया और
                         नीम का पेड़ 5000 से अधधक वषषों से आयुववेहदक   वह युवा हो गए।  यह चयवनप्राश और अनय आयुववेहदक
                      धचककतसा का एक अलभनन हहससा रहा है। इस पेड़ की   औषधधयां बनाने में प्रयोग ककया जाता है। यह कमजोरी  ़
                    छाि और जड़ों का भी औषधीय मू्य है।.                के  उपचार और प्रततरोधक षिमता बढ़ाने के  लिए प्रयोग
                  दलीक्ा मेहता, कक्ा नौ, डी.ए.िी इंटरनेशन्ल सक ू ्ल, नई ददल्लली     ककया जाता है।
          नीम का प्रयोग कई औषधीय लमश्ण तैयार करने के  लिए ककया जाता        कतनका कनौबजया, कक्ा आठ, सनिे सक ू ्ल, रामपभुर
           है। यह चेचक के  इिाज के  लिए इसतेमाि ककया जाता है। तवचा की
                 समसयाओं के  लिए यह सबसे अधधक िाभकारी है।           धचत्ः भुवनेशवरी एम., कषिा नौ, श्ी सेशास इंिरनेशनि पजबिक सक ू ि, सेिम
                                                                    पृ्ठभूलम का धचत्णः िक्षिता सेठ, कषिा नौ, हंसराज मॉडि सक ू ि, पंजाबी बाग,
              भाविका, कक्ा दस, पी.के .आर जैन सीतनयर सैक ें डरली. पब््लक सक ू ्ल, अंबा्ला
                                                                    नई हद्िी



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