Page 4 - Oct-Dec 2013
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      भारत बह भु ्लता का देश है। देश के  हर कोने में जड़ी बूदटयाँ पाई जाती हैं। इन जड़ी बूदटयों से दिाएं बनाई जाती हैं बजनका प्योग
      विमभनन रोगों के  इ्लाज के  म्लए ककया जाता है। यहां तक   कक सामानय पौिों के  भी क भु छ औषिीय गभु्ण होते हैं। यहां तक   कक फ्लों
      और सब्जयों का भी औषिीय महति है।

      रोगतनिारक िकृक्                                       उपयोगी जड़ी बूदटयाँ

      बरगद:  इस  वृषि  को  बड़  भी  कहा  जाता               तभु्लसी : यह देश के  सभी भागों में पाई जाती है
      है।  बरगद  के   बीजों  का  उपयोग  बिवध्मक             और इसकी पवत्तयां दसत, ब्ोंकाइहिस और गहठया
      औषधध  बनाने  के   लिए  ककया  जाता  है,                आहद अनेक रोगों के  इिाज के  लिए उपयोग की
      और इसका अक्म  घावों को ठीक कर सकता  धचत्ांकन:  हदशा  सवामी,  कषिा   जाती हैं।
                                       नौ,   वी.वी.डी.ए.वी   पजबिक
      है।  इसमें रोगाणुरोधक (एंिीसेजपिक) और
                                       सक ू ि, ववकासपुरी, नई हद्िी
                 र्तस्ावरोधक गुण होते हैं।                  नीम : नीम की पवत्तयां सबसे अचछा रोगाणुनाशक
                 अशोक: इस पेड़ की छाि को                    हैं। इनका प्रयोग तवचा रोगों के  सा्−सा् चेचक
                 प्रयोग एक मिहम बनाने के  लिए ककया जाता है जजसमें   के  इिाज के  लिए भी ककया जाता है।
                 र्तस्ावरोधक गुण होते हैं और खुिे घावों का उपचार
                                                            मेहंदली : मेहंदी के  पत्तों में र्तस्ावरोधक गुण होते
                 करने के  लिए प्रयोग ककया जाता है।
                                                            हैं। इनका प्रयोग घावों के  उपचार, अ्सर, खांसी,
                 अजभु्वन: इस पेड़ की छाि का सत्त उचच र्तचाप के  लिए   बुखार, और एनीलमया के  लिए ककया जाता है।
                 एक धचककतसीय उपचार के  रूप में प्रयोग ककया जाता है।
                 छाि का चूण्म, एक अमू्य हृदय िॉतनक है।      करली : करी पत्ते में रोगाणुनाशक गुण होते हैं, और
                 अम्लतास: इस पेड़ की छाि के  पाउडर में बह ु त अधधक   अनय  बीमाररयों  के   सा्-सा्  जिन,  चम्म  रोग,
                  औषधीय गुण है और यह पेधचश, तवचा पर चकत्ते और   उ्िी, इिाज के  लिए इसतेमाि ककया जाता है।
       धचत् नेहा अरोड़ा,   पीलिया के  उपचार में प्रभावी हैं।
      कषिा दस, ग्रीनवुड
                  बे्ल: इस पेड़ की जड़ें कई रोगों के  उपचार में काम आती
       सीतनयर सेक ें डरी
       सक ू ि, रामपुर  हैं।  पवत्तयों  से  मधुमेह  का  और  बहरापन  का  उपचार   मनमोहक फ्ल
                  ककया जाता है।                             आंि्ला : आंविा िि मधुमेह का उपचार करता
                                                            है।  इसका  प्रयोग  बािों  और  लसर  की  तवचा
                                                            संबंधी समसयाओं के  इिाज के  लिए भी ककया
                  कया आप जानते हैं?
                                                            जाता है।
        भारत के  रा्ट्ीय पु्प कमि में अदववतीय औषधीय गुण होते   अनार : यह मीठा िि कई बीमाररयों का इिाज
         हैं। इसकी पवत्तयों का उपयोग जीवाणु संक्रमण से िड़ने के    करता है जैसे पेि संबंधी ववकार, र्ता्पता, और
         लिए ककया जाता है और पंखुडड़यों का प्रयोग साँप-त्बचछ ू  के    कान का दद्म।
                   कािने के  लिए ककया जाता है।                                                   धचत्ांकन: सभया गुपता, कषिा
                                                            शहतूत : अंग्रेजी में मिबरी के  रूप में जाना जाता
                                                                                                  पाँच, बाि भारती पजबिक
                                                            है, इसका प्रयोग िोक धचककतसा में गोिक ृ लम के    सक ू ि, रोहहणी, हद्िी
                                                            उपचार के  लिए ककया जाता है।
        बूझो तो जानें
                                                             सियं करें
        1.  मैं कसैिा, मैं बेहतर
            मैं हरा, अनुदार,
                                                             S   पता िगाएं कक आपके  आसपास उपिबध ककन पौधों पर औषधीय
            तवचा को चमकाऊं
                                                                 प्रयोग ककया जाता है।
            रोगों का करूं  उपचार
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                                                             S   इन पौधों से जजन रोगों का उपचार ककया जाता है उनके  बारे में
        2. भारतीय वववाह अधूरे मेरे त्बन                          जानें और पता िगाएं कक इनसे दवा कै से बनती है।
            रंगों की छिा त्बखेरूं  हर हदन
                                                             S   इन पौधों के  पत्ते आहद इकटठे करें और एक सक्रै पबुक बनाएं,
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                                                                 उसमें उनके  स्ानीय नाम व वैज्ातनक नाम, उनके  पाए जाने का
        3. कड़वा िि, पर है चमतकारी                               स्ान और उनकी उपयोधगता लिखें।
            के श के  लिए मैं ह ू ं गुणकारी
            मुझसे न बढ़े कोई जज़ममेदारी
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                                                           पृ्ठभूलम का धचत्णः नेहा अरोड़ा, कषिा दस, ग्रीनवुड सीतनयर सेक ें डरी सक ू ि, रामपुर



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