Page 1 - Oct-Dec 2013
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INTACH








                                                                             विरासत क्लब समाचार पत्रिका


                                   अ्तूबर – हदसंबर 2013                                          अंक 10 क्रमांक 4
                                            peRdkjh vkS"kf/k;k¡
                है्लो दोसतों,
          दवाएँ, उपचार कर सकती है ....
          दवाएँ इिाज कर सकती हैं ....
           िेककन ्या पौधे भी उपचार         भारत  में  नानारूप  जीवंत  ववरासते  हैं,    और सहदयों के  संधचत औषधीय ज्ान का
              करते हैं? हाँ मुझे
            पता है, मुझे यकीन है ...       इनमें धचककतसा की पारंपररक पदधततयां   भंडार ्े जजनका ज्ान भारत के  वनों में
                                           शालमि हैं। हमारा देश सहदयों से अपनी   पोवषत ह ु आ ्ा। तेजी से बढ़ते शहरीकरण
                                           वैकज्पक  औषधीय  धचककतसा  के   लिए   और एिोपैध्क दवाओं के  प्रतत रुझान
                                           प्रलसदध है। जहाँ तक औषधधयों का संबंध   के  कारण पारंपररक धचककतसा पदधततयों
                                           है, देश के  हर राजय में क ु छ कई प्रकार   की मांग में कमी ह ु ई है। किर भी देश
                                           की जड़ी बूहियां पाई जाती हैं। कशमीर से   के  कई भागों में  स्ानीय समुदाय और
                                           िेकर कनयाक ु मारी तक और राजस्ान     जनजाततयां  अभी  भी  इन  पारंपररक
                                           से लसज्कम तक, ऐसा कोई राजय नहीं     पदधततयों का उपयोग कर रही हैं। यह
                                           है  जजसकी  अपनी  पारंपररक  धचककतसा   जानकारी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को
                                           पदधतत न हो।                         ववरासत  में  दी  जाती  है।  यह  वासतव
                                                                               में  हमारी  प्राक ृ ततक  ववरासत  का  एक
                                           भारत  को  संतों  की  भूलम  कहा  जाता   हहससा  है  और  इसे  संरक्षित  रखने  की
       भारतीयों का मानना   है कक औषधीय पौधों   है। ये संत पारंपररक धचककतसा पदधततयों   जरूरत है।
       के  बारे में उनका ज्ान इततहास से भी
       अधधक पुराना है। औषधधयाँ तैयार करने
                                                      घाट गाथा                 अदभभुत आयभुिवेद
       के  लिए कई पौधाें का प्रयोग ककया जाता
       है। छाि से जड़ तक, बीज और कोपिों      पजशचमी घाि औषधीय संपदा में बह ु त   आयुववेद  भारत  की  पारंपररक  धचककतसा
       सहहत  क ु छ  पेड़  और  पौधे  हमें  ककतना   समृदध है। पजशचमी घाि के  जंगिों और   प्रणािी  है।  शबद  आयुववेद  संसक ृ त  की
       क ु छ देते हैं। इसकी समृदध जैव ववववधता   पहाड़ी इिाकों में िगभग 700 औषधीय   दो  धातुओं  "आयुष"  जजसका  अ््म  है
                                              पौधे हैं। इन में से क ु छ को पारंपररक
       के   कारण  हमारा  देश  प्राक ृ ततक  रूप  से                             दीघा्मयु और "वेद" जजसका अ््म है ज्ान
                                             और िोक धचककतसा पदधततयों के  लिए
       उपिबध औषधधयो का भंडार है। वासतव                                         से लमिकर बना है। आयुववेद पहिी ऐसी
                                                  उपयोग में िाया जाता है।
       में, जंगिों में उगने वािे क ु छ पौधों में                               धचककतसा  प्रणािी  ्ी  जजसमें
       भी औषधीय गुण होते हैं!                                                  सवास्थय  और  रोगों  के   प्रतत
       आओ, आज खोजे क ु छ ऐसे  अनूठे तरीके    पि्वत का जादू                     एक एकीक ृ त दृज्िकोण का
       जजनसे औषधधयाँ चमतकार हदखाती हैं।                                        सम््मन ककया गया।
                                            हहमािय को औषधीय जड़ी बूहियों के    पी. श्ी भाग्विी, गयारहिीं ए, भारतीय विदया
                  fo"k; oLrq                प्राक ृ ततक उपहार के  लिए जाना जाता   भिन पब््लक सक ू ्ल, हैदराबाद
                                            है। यहाँ कई अनूठे पेड़ और औषधीय
       चमतकारी औषधधयाँ                1     पौधे  हैं  जजनसे  कई  रोगों  का  उपचार
       पारंपररक दवाओं का इततहास       2     ककया जाता है। इसका उ्िेख रामायण
       पूववोत्तर की धचककतसा           3     में भी ककया गया है। ऐसा माना जाता
       जादुई औषधधयाँ                  4
                                            है  कक  प्रभु  राम  के   भाई  िक्मण
       पोषक प्रक ृ तत/घरेिू उपचार      5    के   घावों  के   उपचार  के   लिए  हनुमान
       वृषि शज्त                     6,7
                                            महान  हहमािय  से  संजीवनी  बूिी
       षिेत्ीय अचंभे                  8
       आपके  लिए रोचक कक्रयाएं        9,10  िाए ्े।
       ववरासत समाचार, सदसयता िॉम्म   11
                                            हरकीरत, सातिीं, ज्ान भारती सक ू ्ल, नई ददल्लली
       पुरसकार ववजेता, अगिे अंकों में    12                                      धचत्ांकन – पररधध अग्रवाि, कषिा दस, हद्िी पजबिक
                                                                                        सक ू ि, मारुतत क ुं ज, गुड़गाँव
                                                 भारतीय सांसक कृ ततक तनधि


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