Page 5 - Oct-Dec 2013
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अंक 10 क्रमांक 4
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      आयभुिवेद में ्लगभग 2000 पौिों का ि्ण्वन ककया गया है। विशि संरक््ण संघ की ्ला्ल सूची में 352 औषिीय पौिों का नाम ददया
      गया है बजनमें से 52 बह भु त खतरे में हैं और 49 वि्लभुपतप्ायः प्जाततयाँ हैं।
                                                                   प्भात णखरिार, कक्ा  गयारहिीं, सरदार पटे्ल विदया्लय, नई ददल्लली

                  डॉ. सुधा के रि में आयुववेद के  षिेत् में एक बड़ा नाम   जामनगर में आयुववेद बह ु त िोकवप्रय है। डॉ. प्राणजीवन मेहता ने 1946
                  है। उनहोंने के रि के  त्त्शूर जजिे में शारदा आयुववेहदक   में श्ी गुिाब क ुँ वरबा आयुववेहदक  सोसायिी और कॉिेज जजसे धनवंतरी
                  िामा्मसयुहिक्स की स्ापना की। उनहोंने जनजातीय   मंहदर कहा जाता है की स्ापना की।
                  दवाओं पर बह ु त काम ककया है।
                                                                              भिन श्ी ए.के .
                                                            मेताब्लया हरबदर, कक्षा आठ, भिन श्री ए. दोशी बिदया्लय, जामनगर
      आय्वन, कक्ा सात, सरसिती पब््लक सक ू ्ल, जगािरली, यमभुनानगर  क ु मार छेत्ी दाजज्मलिंग का एक अदववतीय वयज्ततव है। वह कई वषषों से
                                                            प्राक ृ ततक उपचार के  सा् जुड़े हैं और प्राक ृ ततक दवाओं से िोगों को
      हररदवार  में  पतंजलि  योगपीठ  संस्ान
                                                            उपचार करते हैं।
      में  सुश्ुत  को  समवप्मत  एक  मूतत्म  है।
      पहचानसूचक में कहा गया है कक ‘सुश्ुत                   ररतेश िी., कक्ा  नौ, एतासी बटंपनी सटली्ल मसटली सक ू ्ल, विसाखापटनम
      संहहता  भारत  में  उतपाहदत  धचककतसा
      ववज्ान  की  सबसे  अचछी  और  सबसे                      झंडु  भटिजी  जजनके   नाम  पर  प्रलसदध  झंडु
      उतक ृ ्ि पुसतक है” इसमें भारत की जादुई                िामा्मसयूहिक्स है एक आयुववेहदक धचककतसक ्े। वह
      जड़ी बूिी संजीवनी बूिी की खोज का दावा                 पेड़-पौधों के  अक्म  से दवाइयां तैयार करते ्े।
      ककया गया है।
                                                            जहानिी  टंकाररया,  कक्ा  आठ,  भिन  श्ी  ए.के .  दोशी  विदया्लय,
       हरजीत ह भु ंड्ल, दया्ल मसंह पब््लक सक ू ्ल, जगािरली, यमभुनानगर और मशिानी शमा्व, सातिीं,  जामनगर
      ददल्लली पब््लक सक ू ्ल, सेकटर 45, गभुड़गांि
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         करी पत्ते में पाचक गुण होते हैं। इसमें प्रचुर मात्ा में वविालमन
                                                                        िहसुन अपने औषधीय गुणों के  लिए प्रलसदध है। हदि और
          ए और कै ज्शयम पाया जाता है। इस पेड़ की छाि को पीस
                                                                         र्त वाहहकाओं को सवस् रखने के  अिावा, िहसुन का
          कर बनाया गया िेप तवचा पर होने वािे दानों के  इिाज के
                                                                         प्रयोग र्तचाप और कोिेसट्ॉि के  सतर को कम करने के
            लिए रोगाणुनाशक के  रूप में प्रयोग ककया जाता है।
                                                                         लिए ककया जाता है। िहसुन में 100 सकक्रय रासायतनक
             मभुसकान महेंद्भु, कक्ा नौ, ददल्लली पब््लक सक ू ्ल, अंबा्ला
                                                                            यौधगक शालमि हैं।  यह क ैं सर प्रततरोधी भी है।
                                                                             बजतेंद् चौिरली और जयश्ी राजपूत, ग्लोब्ल इंडडयन
                                                                                     इंटरनेशन्ल सक ू ्ल, सूरत;
     पपीता एक अदभुत िि है।   मे्ी का प्रयोग मधुमेह के                         रामडभुगभु अनभुररथा, कक्ा नौ, भारतीय विदया भिन
     दांत दद्म, लसर दद्म, पीलिया,   इिाज के  लिए ककया जाता                           पब््लक सक ू ्ल, हैदराबाद
     गुदवे की प्री और दाद के    है। यह बह ु त बहढ़या चयापचय
    उपचार में इसका बह ु त अधधक   बढ़ाने वािी है।
       प्रयोग ककया जाता है।  पल्लिी ए नायर, कक्ा नौ, िी.िी.                    हींग का प्रयोग सहदयों से कई बीमाररयों का इिाज
     आय्वन खनना, कक्ा सात, ददल्लली   डी.ए.िी. पब््लक सक ू ्ल, विकासपभुरली,     करने के  लिए ककया जाता रहा है। आयुववेद में यह
        पब््लक सक ू ्ल, अंबा्ला  नई ददल्लली                                    वात दोष संतुिन के  लिए सबसे अचछा मसािों में
                                                 धचत्ांकन: मोना गुपता, रेयान इंिरनेशनि सक ू ि,     से एक माना जाता है।
                                                         सोहना रोड, गुड़गांव     मररयम मेमन, कक्ा नौ, भारतीय विदया भिन का
      खसखस का प्रयोग जिन, अ्सर, तवचा संक्रमण                                         आतमाक भु रली राम राि सक ू ्ल, हैदराबाद
       और उ्िी के  उपचार के  लिए ककया जाता है।
       ओमशन क भुं ि्ल, कक्ा नौ, पाइन हॉ्ल सक ू ्ल, देहरादून
                                                                             आयुववेद में, दािचीनी का प्रयोग मधुमेह, अपच और
                                                                            जुकाम के  उपचार के  लिए ककया जाता है और अ्सर
      सौंि एक हरी-पीिी बूिी है जजसकी   अिसी  एक अदभुत जड़ी बूिी है।         कि दोष वािे िोगों को इसका प्रयोग करने की सिाह
     पवत्तयों का शाक और बीज की मसािे   कहा जाता है कक इसके  प्रयोग से                    दी जाती है।
                                बुदधध और समृतत शज्त बढ़ती है।                अननया ततिारली, कक्ा नौ, अजंता पब््लक सक ू ्ल, गभुड़गांि
     के  रूप में संपूण्म भारत में खेती की
                                आंखों में सूखेपन के  इिाज के  लिए
     जाती है। इसका प्रयोग एक पाचक के                                        भारत में अजवाइऩ का प्रयोग अपच और पेि के  दद्म के
                                  अिसी के  तेि का प्रयोग ककया
          रूप में ककया जाता है।                                             लिए ककया जाता है। यह अस्मा और गहठया से राहत
                                         जाता है।
     मानसी कपूर, कक्ा दस, डी.ए.िी पब््लक                                    के  लिए भी प्रयोग ककया जाता है। इसके  बीज का बह ु त
          सक ू ्ल, सभुखनारा, कांगड़ा  मािि सचचर, कक्ा चार, िी. िी. डी. ए. िी.           औषधीय मू्य है।
                                 पब््लक सक ू ्ल, विकासपभुरली, नई ददल्लली  धचत्ांकन: धैयाांश डांगरा, कषिा
                                                                                 सभुषमा एन, कक्ा नौ, डी.ए.िी. पब््लक सक ू ्ल
                                                         नौ डी, ऑि सेंटस सीतनयर         सेकटर 14, गभुड़गांि
                                                           सेक ें डरी सक ू ि, अजमेर
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