Page 11 - Oct-Dec 2013
P. 11
अंक 10 क्रमांक 4
fojklr lekpkj
ददल्लली सक ू ्ल ऑफ एकसे्लैंस, बंजारा दहलस, हैदराबाद के छात्ों ने
हमारे विरासत क्लब के हररत काय्व
‘वृषि’ ववषय पर हेररिेज बोड्म सजाया छात्ों ने ववलभनन ववचारों
आर.एन पोददार सक ू ्ल, मभुंबई के ववरासत ्िब मे सिोगन (नारा) िेखन प्रसतुत ककए जैसे भारत के राजयों के वृषि, पेड़ों के धचककतसीय गुण,
प्रततयोधगता आयोजजत जकया । इसके ववषय ्े–‘प्रक ृ तत बचाएं, भवव्य पेड़ों से पाए जाने वािे प्राक ृ ततक रंग, आहद। नवोहदत किाकारों और
बनाएं” और ‘वृषि कभी गर ह ु ए समापत, जीवन बने रहसय की बात’ । िोिोग्रािरों ने अपने आस-पास के उपयोगी पेड़ों के रेखाधचत् बनाए
श्ी संकर विदयाश्मम, चेननई ने 28 लसतंबर 2013 को हररत उपभो्ता और िोिो खींचे।
हदवस मनाया। ववदयाध््मयों ने पेंलसि रेखाधचत् और चाि्म बनाकर तीन र
ररडयूस (कम उपयोग करें), रीयूज़ (पुन: उपयोग करें) और रीसायकि
(क ु छ नया बनाने के लिए उपयोग करें), के प्रतत धयान आकवष्मत ककया हम ववसाखापटनम, चंडीगढ़, हद्िी, कोिकाता, गोवा, गाजजयाबाद,
और युवाओं के बीच पृ्थवी की रषिा के लिए जागरूकता िाने का प्रयास पुणे, हैदराबाद और मुंबई के नए ववरासत ्िबाें का एच.ई.सी.एस
ककया। इनिैक पररवार में सवागत करते हैं।
ददल्लली पब््लक सक ू ्ल, सेकटर 45, गभुड़गांि ने 22 अप्रैि 2013 को
पृ्थवी हदवस मनाया। बचचों ने अपने सहयोधगयों को गिे से िगाकर
धचपको आंदोिन का अलभनय ककया और इसमें उनहें बह ु त मज़ा आया। कया आप जानते हैं?
इससे उनहें हमारे तंत् को बचाने के प्रयास में ककए गए इस क्रांततकारी
आंदोिन के बारे में जानकारी लमिी और वे यह समझ पाए कक कै से पारंपररक-पशु धचककतसा जानवरों के सवास्थय
मानव गततववधधयों जैसे वनों की किाई, लशकार और अवैध लशकार ने को बढ़ावा देने का प्राचीन ज्ान है। मृगायुववेद
जीव-जंतुओं के पय्मवास को न्ि कर हदया है और उनहें वविुपत होने के
एक प्राचीन पुसतक है जो पशुओं के धचककतसीय
कगार पर िा हदया है।
उपचार का वण्मन करती है।
के .एस. शयाम सभुनदर, म्लदट्ल सकॉ्लस्व मैदरिक हायर सेक ें डरली,
सक ू ्ल, तंजािभुर मैं कौन ह ू ँ: तुिसी पवत्तयों को पहचानें 1. नीम 2.पुदीना, 3. तुिसी, 4. बेि;
INTACH ds fy, va'knku पकृषठ 10 - प्रक ृ तत क े चमतकार: अशवगंधा 2. त्त्ििा 3. लशकाकाई, 4.मंजज्ठा 5. पुदीना; पकृषठ 9: 1. रेपजी, 2. अदकी, 3. अशोका, 4. मोररंगा, 5. गुड़मार, 6. िहसुन; उत्तर – पृ्ठ 4: 1. नीम, 2. मेहंदी, 3. आंविा;
uke ____________________________________________________________________
Ldwy dk irk@O;fDrxr irk ____________________________________________________
_______________________________________________________________________
'kgj ______________________________ jkT; __________________________________
va'knku jkf'k& (4 vad) 100 :- 1 o"kZ ds fy, vaxzsth fgUnh
fMekaM MªkÝV la- _________________ fnukad ________________ vkgfjr (cSad) _____________
_________________________________:- ____________________________________
fMekaM MªkÝV Intach ds i{k esa rFkk fuEufyf[kr cSadks ls vkgfjr% ,lchvkbZ@vkbZlhvkbZlhvkbZ@dsujk cSad@
LVS.MMZ pkVZMZ cSad leewY; ij ns; gksuk pkfg,A
gLrk{kj __________________ fnukad ___________________ LFkku __________________
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12